नमस्कार दोस्तों,
काफी समय के बाद मैं अपने ब्लॉग में आया हूँ।
इस बार कुछ नया काम किया है और यह मेरे लिय एकदम अलग ही एहसास था। मई 2012 से नवम्बर 2012 तक ब्यासत रहा | 3D फिल्म को बनाना कोई आसान काम नहीं है, यह काफी धेर्य का काम है, Pre-production स्टेज से Post-production स्टेज देखी। यह फिल्म सिख इतिहास को दर्शाती है, इस फिल्म में गुरुनानक देव जी किस तरह एक आदमखोर को सही मार्ग का दर्शन कराते है।
फिल्म को पूरा रूप देने के लिय एक छोटी सी टीम ने दिन रात काम किया, इस टीम में मैं भी शामिल था।
हम सभी के लिय यह नया काम था। मेरा लक्ष्य केवल यह था की सही समय में फिल्म का काम पूरा करना।
मैने टीम लीडर(Team Leader) के तोर पर पहली बार काम किया। इस के इलावा डायरेक्टर ऑफ़ फोटोग्राफी (Director of Photography ) और ग्राफ़िक्स (Graphics) के रूप में भी काम किया। सिख फिल्म जगत के लिय यह दूसरी 3D फिल्म है।
आखिर में येही बताना चाहूँगा की "3D फिल्म को बनाने के लिय जितना काम किया जाय उतना कम है" ।
note: Above text typed in Hindi (translation may be wrong)